इक परिंदा अभी उड़ान में है
तीर हर शख़्स की कमान में है
जिस को देखो वही है चुप चुप सा
जैसे हर शख़्स इम्तिहान में है
– अमीर क़ज़लबाश
हिंदी शायरी – Romantic And Sad Hindi Poetry
रोमांटिक और दर्द भरी हिंदी शेर ओ शायरी संग्रह – २ लाइन शायरी, 4 लाइन शायरी और ग़ज़ल
इक परिंदा अभी उड़ान में है
तीर हर शख़्स की कमान में है
जिस को देखो वही है चुप चुप सा
जैसे हर शख़्स इम्तिहान में है
– अमीर क़ज़लबाश
कभी जो जिंदगी में थक जाओ, तो किसी को कानो कान खबर भी न होने देना,
क्योंकि लोग टूटी हुई इमारतों की ईंट तक उठा कर ले जाते हैं।
लहरों को शांत देख कर ये न समझना की समंदर में रवानी नहीं है..
जब भी उठेंगे तूफान बन के उठेंगे..
अभी उठने की ठानी नहीं है …
साथी तो मुझे सुख में चाहिए…..
दुःख में तो मै अकेलi ही काफी हूँ………!!!!!!!
जिन्दा रहो जब तक, लोग कमियां ही निकालते हैं ,
मरने के बाद जाने कहाँ से इतनी अच्छाइयां ढूंढ लाते हैं।
मैने सीखा है इन पत्थर की मुर्तीयों से,
भगवान बनने से पहले पत्थर बनना जरुरी है…
उठाना खुद ही पड़ता है थका टुटा बदन अपना।
की जब तक साँसे चलती है कन्धा कोई नही देता।
मुस्कुराना तो मेरी शख्सियत का एक हिस्सा है दोस्तों,
तुम मुझे खुश समझ कर दुआओ में भूल मत जाना…
ये दिन जब थका देता हैं… वो शाम को फ़ोन कॉल पे तेरी मीठी आवाज़…
फिज़ाओं की तरह… मेरे सारे थकान को उड़ा ले जाती हैं… “माँ”
थाली हैं… माँ के हाथों से बनी रोटियाँ नहीं
बिस्तर हैं… माँ की नर्म गोदी नहीं….