मुझे इश्क है तुझी से

मुझे इश्क है तुझी से
मेरी जान-ए-जिंदगानी
तेरे पास मेरा दिल है
मेरे प्यार की निशानी

मेरी ज़िन्दगी में तू है
मेरे पास क्या कमी है
जिसे ग़म नहीं खिज़ा का
वो बहार तूने दी है
मेरे हाल पर हुई है
तेरी ख़ास महरबानी
तेरे पास मेरा दिल…

तेरे हुस्न ने दिखाई
मुझे बेखुदी की राहें
ये हसीन लब नशीले
ये झुकी झुकी निगाहें
तेरी ज़ुल्फ़ से उठी है
ये घटाओं की जवानी
तेरे पास मेरा दिल…

तुम जो मिल गए हो, तो ये लगता है

तुम जो मिल गए हो, तो ये लगता है
के जहां मिल गया
एक भटके हुए राही को, कारवां मिल गया

बैठो ना दूर हम से, देखो खफा ना हो
किस्मत से मिल गए हो, मिल के जुदा न हो
मेरी क्या खता है, होता है ये भी
के जमीं से भी कभी, आसमां मिल गया

तुम क्या जानो, तुम क्या हो
एक सुरीला नग्मा हो
भीगी रातों में मस्ती, तपते दिल पे साया हो
अब जो आ गए हो, जाने ना दूंगा
के मुझे एक हँसी, मेहरबा मिल गया

तुम भी थे खोये खोये, मैं भी बुझा बुझा
था अजनबी ज़माना, अपना कोई न था
दिल को जो मिल गया है, तेरा सहारा
एक नई जिन्दगी का, निशां मिल गया

पल पल दिल के पास तुम रहती हो

पल पल दिल के पास तुम रहती हो
जीवन मीठी प्यास ये कहती हो

हर शाम आँखोंपर, तेरा आँचल लहराये
हर रात यादोंकी बारात ले आये
मैं सांस लेता हूँ, तेरी खुशबू आती है
एक महका महका सा पैगाम लाती है
मेरे दिलकी धड़कन भी तेरे गीत गाती है

कल तुझको देखा था, मैंने अपने आँगन में
जैसे कह रही थी तुम, मुझे बांध लो बंधन में
यह कैसा रिश्ता है, यह कैसे सपने हैं
बेगाने हो कर भी क्यों लगते अपने है
मैं सोच में रहता हूँ, डर डर के कहता हूँ

तुम सोचोगी क्यों इतना मैं तुमसे प्यार करू
तुम समझोगी दीवाना, मैं भी इकरार करू
दीवानोकी ये बातें, दीवाने जानते हैं
जलने में क्या मजा है, परवाने जानते हैं
तुम यूँ ही जलाते रहना आ आकर ख्वाबों में