बेरूख़ी शायरी हिंदी में – अब गिला क्या करना उनकी

अब गिला क्या करना उनकी बेरुखी का…
दिल ही तो था…..भर गया होगा..!



बेरूख़ी शायरी हिंदी में – सालभर….तेरी बेरूखी से कत्ल होते

सालभर….तेरी बेरूखी से कत्ल होते रहे हैं हम,
अब तो तहरीरें बन गई है…उदासियाँ गुजरे साल की।

बेरूख़ी शायरी हिंदी में – बहुत बेरुखी से पेश आता

बहुत बेरुखी से पेश आता है दिल खुद से
कि अब प्यार भरी बातों की आदत नहीं रही….!!



बेरूख़ी शायरी हिंदी में – इस क़दर जले है तुम्हारी

इस क़दर जले है तुम्हारी बेरुख़ी से,
के अब आग से भी सुकून सा मिलने लगा है ….!!!