सावन शायरी हिंदी में – मुझे मालूम है तूमनें बहुत

मुझे मालूम है तूमनें बहुत बरसातें देखी है,
मगर मेरी इन्हीं आँखों से सावन हार जाता है…



सावन शायरी हिंदी में – क़दम क़दम पर सिसकी और

क़दम क़दम पर सिसकी और क़दम क़दम पर आहें;
खिजाँ की बात न पूछो सावन ने भी तड़पाया मुझे!



सावन शायरी हिंदी में – बनके सावन कहीं वो बरसते

बनके सावन कहीं वो बरसते रहे
इक घटा के लिए हम तरसते रहे
आस्तीनों के साये में पाला जिन्हें,
साँप बनकर वही रोज डसते रहे