शाम शायरी हिंदी में – शाम तक सुबह की नज़रों

शाम तक सुबह की नज़रों से उतर जाते हैं,
इतने समझौतों पे जीते हैं कि मर जाते हैं…



शाम शायरी हिंदी में – उसने पूछा कि कौनसा तोहफा

उसने पूछा कि कौनसा तोहफा है मनपसंद….?
मैंने कहा..वो शाम जो अब तक उधार है..



शाम शायरी हिंदी में – कभी किसी का जो होता

कभी किसी का जो होता था इंतज़ार हमें…
बड़ा ही शाम-ओ-सहर का हिसाब रखते थे