तेरे होने पर खुद को तनहा समझू !
मैं बेवफा हूँ या तुझको बेवफा समझू !!
ज़ख्म भी देते हो मलहम भी लगाते हो !
ये तेरी आदत हैं या इसे तेरी अदा समझू!!
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तनहा शायरी हिंदी में – सहारा लेना ही पड़ता है
सहारा लेना ही पड़ता है मुझको दरिया का
मैं एक कतरा हूँ तनहा तो बह नहीं सकता
तनहा शायरी हिंदी में – ये तनहा सी ज़िन्दगी डराती
ये तनहा सी ज़िन्दगी डराती है मुझे हर शाम….
एहसान है की एक खोखली हिम्मत देता है ये जाम…..
तनहा शायरी हिंदी में – अगर फुर्सत के लम्हों में
अगर फुर्सत के लम्हों में मुझे याद करते हो तो मुझे याद मत करना;
मैं तनहा ज़रूर हूँ मगर फ़जूल नहीं।
तनहा शायरी हिंदी में – चाँद तो तनहा ही है…
चाँद तो तनहा ही है…
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तारो की भीड़ तो बस आसमान के लिए है…
तनहा शायरी हिंदी में – बस एक चेहरे ने तनहा
बस एक चेहरे ने तनहा कर दिया हमे वरना!
हम खुद में एक महफ़िल हुआ करते थे.
तनहा शायरी हिंदी में – माना की दूरियां कुछ बढ़
माना की दूरियां कुछ बढ़ सी गयीं हैं
लेकिन तेरे हिस्से का वक़्त आज भी तनहा गुजरता है
तनहा शायरी हिंदी में – तनहा सा हो गया है
तनहा सा हो गया है, मेरा कमरा आजकल,,,,,
एक पंखा बोला करता था, पर अब सर्दियाँ आ गयी है…. !!