मुलाक़ात शायरी हिंदी में – छू जाती है तुम्हारी बातेकितनी

छू जाती है तुम्हारी बाते,कितनी दफ़े यूँ ही ख़्वाब बन के,
कौन कहता है कि दूर रह कर मुलाक़ात नहीं होती।

मुलाक़ात शायरी हिंदी में – ना मुलाक़ात याद रखना ना

ना मुलाक़ात याद रखना, ना पता याद रखना,
बस इतनी सी आरज़ू है, मेरा नाम याद रखना..



मुलाक़ात शायरी हिंदी में – सोचता हूँ कुछ दोस्तों पर

सोचता हूँ कुछ दोस्तों पर मुकदमा कर दूँ…!
इसी बहाने तारीखों पर मुलाक़ात तो होगी….!!



मुलाक़ात शायरी हिंदी में – तेरे ज़िक्र भर से हो

तेरे ज़िक्र भर से हो जाती है मुलाक़ात जैसे …
तेरे नाम से इतनी मुहब्बत है हमको …