मुलाक़ात शायरी हिंदी में – छू जाती है तुम्हारी बातेकितनी

छू जाती है तुम्हारी बाते,कितनी दफ़े यूँ ही ख़्वाब बन के,
कौन कहता है कि दूर रह कर मुलाक़ात नहीं होती।



मुलाक़ात शायरी हिंदी में – तू दिल पे बोझ लेके

तू दिल पे बोझ लेके, मुलाक़ात को न आ
मिलना है इस तरह, तो बिछड़ना क़ुबूल है



मुलाक़ात शायरी हिंदी में – न कोई फ़साना छेड़ा न कोई

न कोई फ़साना छेड़ा
न कोई बात हुई
कहने को कह लीजिये
कि मुलाक़ात हुई