नाराज़ शायरी हिंदी में – कहीं नाराज न हो जाए

कहीं नाराज न हो जाए उपरवाला मुझ से,
हर सुबह उठते ही,
उससे पहले तुझे जो याद करता हूँ.



नाराज़ शायरी हिंदी में – ऐ ग़म-ए-ज़िंदगी न हो नाराज़

ऐ ग़म-ए-ज़िंदगी न हो नाराज़,
मुझको आदत है मुस्कुराने की..



नाराज़ शायरी हिंदी में – नाराज़गी भी मोहब्बत की बुनियाद

नाराज़गी भी मोहब्बत की बुनियाद होती हे,
मुलाक़ात से भी प्यारी किसी की याद होती हे…