सारा जहाँ चुपचाप है..
आहटें ना साज़ है……..
क्यों हवा ठहरी हुई है……..
आप क्या नाराज़ है…….!!!
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नाराज़ शायरी हिंदी में – यहाँ सब खामोश है कोई
यहाँ सब खामोश है कोई आवाज़ नहीं करता….
सच बोलकर कोई किसी को नाराज़ नहीं करता….
नाराज़ शायरी हिंदी में – कहीं नाराज न हो जाए
कहीं नाराज न हो जाए उपरवाला मुझ से,
हर सुबह उठते ही,
उससे पहले तुझे जो याद करता हूँ.
नाराज़ शायरी हिंदी में – मुझे तो तुमसे नाराज होना भी
मुझे तो तुमसे नाराज
होना भी नहीँ आता…
न जाने तुम से कितनी
मोहब्बत कर बैठा हूँ मै.!!
नाराज़ शायरी हिंदी में – किसी से नाराजगी इतने वक़्त
किसी से नाराजगी, इतने वक़्त तक न रखो के..
वो तुम्हारे बगैर ही, जीना सीख जाए…!
नाराज़ शायरी हिंदी में – ऐ ग़म-ए-ज़िंदगी न हो नाराज़
ऐ ग़म-ए-ज़िंदगी न हो नाराज़,
मुझको आदत है मुस्कुराने की..
नाराज़ शायरी हिंदी में – जीना तो हमे भी बिंदास
जीना तो हमे भी बिंदास आता है..
लेकिन ज़िंदगी आजकल कुछ नाराज़ है हमसे…
नाराज़ शायरी हिंदी में – “रिश्ता” दिल से होना चाहिए
“रिश्ता” दिल से होना चाहिए, शब्दों से नहीं,
“नाराजगी” शब्दों में होनी चाहिए दिल में नहीं!