December Shayari | Winter Shayari In Hindi | Sardi Par Shayari

इरादा था जी लूँगा तुझ से बिछड़ कर
गुज़रता नहीं इक दिसम्बर अकेले
December Shayari – Irada Tha Jee Lunga Tujh Se Bichhad Kar

December Shayari – Missing You

इरादा था जी लूँगा तुझ से बिछड़ कर
गुज़रता नहीं इक दिसम्बर अकेले

ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर

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सर्द ठिठुरी हुई लिपटी हुई सरसर की तरह
ज़िंदगी मुझ से मिली पिछले दिसम्बर की तरह

मंसूर आफ़ाक़

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